Friday, August 28, 2009

Human Power

Hi Friends ,

Its the message for all human beings to believe in oneself .

अपेक्षाओं के अग्निपथ पर सदा चला है तू ,
निराशा की लहरों से चट्टान सा लड़ा है तू ,
तू आदमी है , सर्व शक्तिमान , बुद्धिमान भी ,
इन राहों की मुश्किलों से कहाँ डरा है तू ,

तू चल वहां की हो जहाँ उस आसमान से हौसले ,
हजारों के बीच तेरी एक ललकार बुलंद हो ,
क्यों मांगता है , जीत की दुआएं , बस ये सोच ले ,
की हार शब्द ही मिटे , जो पग तेरे ये चल पड़े ,

ना शत्रु के औजार से ,
न खून की बौछार से ,
ना तू डिगे तू क्यों झुके ,
जो चल पड़े तू चल पड़े ,

कि आसमा को भेदना ही अब तेरा मुकाम हो ,
कि जय कि घोषणा ही अब तेरा पैगाम हो ,
प्रयत्नों कि चिंगारियों से , लगा कुछ ऐसी आग सी ,
मंजिल भी काँप उठे , और चले आये भागती ,

स्वागत को तेरे खुद देव हो खड़े ,
तू चल पड़े जो चल पड़े ...................... अमित नन्दवाल

Saturday, August 8, 2009

Hindustaan meri jaan - Happy Independence Day



Hi Friends ,

The proud independence day is just a week away , its the greatest day in the history of our country , a day which defined our destiny and our committment for the country , today we have freedom to write , express , it is because of devotion of so many people , which resulted as freedom , the great independence on this very day "15th august" .

As a citizen , we have faced some tough time recently , with our country being targeted
by the evil of terrorism , today we need to unite and fight back as our elders did , and stage our country as the most powerful and respected nation around the world .

Below is my expression for my beautiful country :-


ये जो हिन्दुस्तान है , ये मेरी जान है ,
सातो समंदर , सारा आकाश , पूरी धरती पर यही मेरी पहचान है ,

क्या याद है उस माँ का कलेजा ,
जिसने अपने बेटे को हिन्दुस्तान के लिए लड़ने भेजा ,
और जब लौट के आई उसकी शहादत की खबर ,
उसकी आँखों से सिर्फ गर्व का मोती ही छलका ,

याद है न उस भगत सिंह का नाम ,
जिस उम्र में जवानी का जूनून आँखों पर होता है सवार ,
उस उम्र में इस दीवाने को हो गया अपने देश से प्यार ,
और कह दिया उसने कि ऐ माँ कि अब तू सजा के रखना ये फूल ये
हार कि तेरा बेटा अब चला है अपनी आजादी की घोडी पर सवार ,
और जब तलक फांसी पर बची रहे मेरी आखिरी सांस ,

वादा करना हर सांस में हो मेरे भारत का नाम ,
गर मेरी सांस कभी मुझे दे धोका , और मांगे रहम का साथ ,
तू मार कर छीन लेना उन साँसों को जो करे गद्दारी मेरे फ़र्ज़ के साथ ,

ऐसा जूनून ऐसे दीवाने , जिस देश में हुए वो देश महान है ,
इसलिए ये जो हिन्दुस्तान है , ये मेरी जान है ,

क्या कभी चैन से सोते हुए उस सैनिक को सलाम किया है ,
जो देश के एक एक इंच के लिए , अपना एक एक कतरा खून देने को तैयार है ,
जब जब दुश्मन देश ने भारत माँ पर नजर उठाई है ,
हर एक सैनिक ने जान कि बाजी लगाकर देश कि इज्ज़त बचायी है ,
क्या है हिन्दू , मुस्लिम , सिख और क्या ही ईसाई है ,
जब भी देश पर बात आन पड़ी है ,
सबने देश कि जिम्मेदारी संग संग उठाई है
कौन आएगा अपने आगे , आगे बढने के पहले सोच लेना ऐ दुश्मन

चाहे हो कारगिल या हो कश्मीर ,
हिन्दुस्तानियों के आगे हर बार तुने मुह कि खायी है ,

जय हिंद जय हिंद के नारे से मेरा रोम रोम गुलज़ार है ,
क्योंकि ये जो हिन्दुस्तान है , ये मेरी जान है

और न सोच लेना कि आज कि युवा शक्ति कुछ कम है ,
दिल में आज भी वो जूनून और बाजुओं में अब भी वही दम है ,
न समझो हमे वो नाजुक सी कली ,
बिखर जाये जो गर हवे दुश्मन कि चली ,
न समझो हमे तुम जैसा बुजदिल और कायर ,
मौत से पहले ना आएगा हमे डर ,

सौ करोड़ हिन्दुस्तानी हैं , सोच लेना कभी मिल जाएँ गर ,
मुंबई के बदले कहीं ले न ले , तेरी हर गली , तेरे हर शहर ,

हम शरीफ हैं , शराफत की जुबान कहते हैं ,
भड़काना मत क्योंकि दिलों में शोले भी दबा रखते हैं ,
सब्र का पैमाना है , याद रखना जिस दिन ये छलक जाएगा ,
हर हिन्दुस्तानी अपने देश के लिए खडा हो जाएगा ,

ये ना सोचना की दुश्मन की ताकत से हम डरते हैं
आज भी मेरे देश में सुभाषचंद्र बोस और भगत सिंह पलते हैं ,

देश के लिए मिट जाऊँ , इससे बड़ा क्या सम्मान है
इसलिए ये जो हिन्दुस्तान है , ये मेरी जान है ,
---------------------------- बोलो भारत माता की जय -------------------------

देश के लिए अमित नन्दवाल